राष्ट्रगीत अखंड भारत
अखंड भारत
पापियों के नाश को ………….
धर्मं के प्रकाश को ……….
पापियों के नाश को, धर्मं के प्रकाश को
रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली
श्री रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली.
पाप अनाचार में, घोर अन्धकार में
एक नई ज्योति जली, एक नई ज्योति जली
श्री रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली.
निशिचर हीन करेंगे धरती, यह प्राण है श्री राम का
जब तक काम न पूरण होगा नाम नही विश्राम का
उसे मिटानें चलें के जिसका मंत्र वयम रक्षाम का
समय आचाला निकट राम और रावण के संग्राम का
समय महा संग्राम का
तीन लोक धन्य हैं ……......
देवता प्रस्सन्न हैं ..........
तीन लोक धन्य हैं, देवता प्रस्सन्न हैं
आज मनोकामना फली, आज मनोकामना फली
श्री रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली.
रामचन्द्रजी के संग लक्ष्मण कर में लेकर बाण चले
लिए विजय विश्वास ह्रदय में संग वीर हनुमान चले
सेना संग सुग्रीव, नील, नल, अंगद छाती तान चले
उसे बचाए कौन के जिसका वध कराने भगवान चले
वध कराने भगवान चले
आगे रघुनाथ हैं ……..
वीर साथ साथ हैं ……….
आगे रघुनाथ हैं, वीर साथ साथ हैं
एक से एक बलि, एक से एक बलि
श्री रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली.
प्रभु लंका पर डेरा डाले, जब महासागर पार हो
कब हो सफल अभियान हमारा, कब सपना साकार हो
पाप अनीति मिटे धरती से, धर्मं की जाया जाया कार हो
कब हो विजयी राम हमारे, कब रावण की हार हो
कब रावण की हार हो
राम जी से आस है ..........
राम पे विश्वास है .......
राम जी से आस है, राम पे विश्वास है
राम जी करेंगे भली, राम जी करेंगे भली
श्री रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली.
हर हर महादेव, हर हर महादेव
जय भवानी, जय भवानी, जय भवानी
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