Tuesday, January 3, 2023

Rashtragit

 

                   राष्ट्रगीत 

अखंड भारत




पापियों के नाश को ………….

धर्मं के प्रकाश को ……….

पापियों के नाश को, धर्मं के प्रकाश को

रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली

श्री रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली.

पाप अनाचार में, घोर अन्धकार में

एक नई ज्योति जली, एक नई ज्योति जली

श्री रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली.

निशिचर हीन करेंगे धरती, यह प्राण है श्री राम का

जब तक काम न पूरण होगा नाम नही विश्राम का

उसे मिटानें चलें के जिसका मंत्र वयम रक्षाम का

समय आचाला निकट राम और रावण के संग्राम का

समय महा संग्राम का

तीन लोक धन्य हैं ……......

देवता प्रस्सन्न हैं ..........

तीन लोक धन्य हैं, देवता प्रस्सन्न हैं

आज मनोकामना फली, आज मनोकामना फली

श्री रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली.


रामचन्द्रजी के संग लक्ष्मण कर में लेकर बाण चले

लिए विजय विश्वास ह्रदय में संग वीर हनुमान चले

सेना संग सुग्रीव, नील, नल, अंगद छाती तान चले

उसे बचाए कौन के जिसका वध कराने भगवान चले

वध कराने भगवान चले

आगे रघुनाथ हैं ……..

वीर साथ साथ हैं ……….

आगे रघुनाथ हैं, वीर साथ साथ हैं

एक से एक बलि, एक से एक बलि

श्री रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली.


प्रभु लंका पर डेरा डाले, जब महासागर पार हो

कब हो सफल अभियान हमारा, कब सपना साकार हो

पाप अनीति मिटे धरती से, धर्मं की जाया जाया कार हो

कब हो विजयी राम हमारे, कब रावण की हार हो

कब रावण की हार हो

राम जी से आस है ..........

राम पे विश्वास है .......

राम जी से आस है, राम पे विश्वास है

राम जी करेंगे भली, राम जी करेंगे भली

श्री रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली.

हर हर महादेव, हर हर महादेव

जय भवानी, जय भवानी, जय भवानी



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Sunday, January 1, 2023

Shree Nrusinghastakam ଶ୍ରୀ ନୃସିଂହାଷ୍ଟକମ୍

श्री नृसिंह अवतार 


      Shree Nrusinghastakam

                   ଶ୍ରୀ ନୃସିଂହାଷ୍ଟକମ୍ 

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 ନମୋ ନୃସିଂହ ଦେବାୟ ହିରଣ୍ୟଂକଶ୍ୟଫୁରିପୁଃ 

ସର୍ବଭୟ ବିନାଶୟଂ ନରସିଂହ ନମସ୍ତୁତେ ।। 


ଭକ୍ତଂଶିଶୁ ପ୍ରହଲାଦଂ ସାଗରେଞ୍ଚ ଦାବାନଳେ

ରକ୍ଷଂ ଇନ୍ଦ୍ର ପଦଂଦେୟ ନରସିଂହ ନମସ୍ତୁତେ ।।


ସ୍ତମ୍ଭୁ ପ୍ରକାଶିତଂଦେବଃ ଭକ୍ତହିତେଃ ନାରାୟଣ 

ମହାକାୟ ବିଶ୍ବମୁର୍ତ୍ତିଃ ନରସିଂହ ନମସ୍ତୁତେ ।।


ହିରଣ୍ୟକଶ୍ବଫୁ କାୟାଂ ନଖଂ ଦନ୍ତେ ବିଦାରଣଂ

ଅଯୋନି ସ୍ତମ୍ଭୁତଂ ଦେବଂ ନରସିଂହ ନମସ୍ତୁତେ ।।


ହରିମୁଖଂ ମହାଜ୍ବୋତିଃ ତେଜରାଶି ଭୟଙ୍କରଂ

ଅଦ୍ଭୁତ ପୁରୁଷଂ ଦେବଂ ନରସିଂହ ନମସ୍ତୁତେ ।।


ତବାଭୁତଂ ରୁପଂ ଦୃଷ୍ଟା ଭୟେ କମ୍ପେଃ ସୁନାଶିରଂ

ଭୟେଞ୍ଚ ଦେବତାଂ ସର୍ବେ ନରସିଂହ ନମସ୍ତୁତେ ।।


ଯୋଗୀନାଂ ଯୋଗ ଭଗ୍ନାଞ୍ଚ ଭୟେଂ କମ୍ପିତଂମେଦିନୀ

ସର୍ବଲୋକ ଭୟଂକୃତ୍ବାଃ ନରସିଂହ ନମସ୍ତୁତେ ।।


ମମଦୁଖଂ ହରଂ ଦେବଂ ଦୟାଳୁଂ ଦୀନଃ ନାୟକଂ

ସର୍ବଭୟଂ ହରଂ ସ୍ବାମୀଂ ନରସିଂହ ନମସ୍ତୁତେ ।।

ଓଁ ନୃସିଂହାୟ ନମଃ

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